हर साल त्यौहारों के मौसम में लोग उम्मीद करते हैं कि सरकार उनकी जेब पर पड़ने वाले बोझ को थोड़ा कम करेगी। इस बार जीएसटी काउंसिल की बैठक से सचमुच राहत की खबर आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुए फैसले ने लाखों परिवारों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है।
अब सिर्फ दो स्लैब, खत्म हुआ जटिल टैक्स ढांचा
अब देश में जीएसटी की दरें काफी सरल हो गई हैं। पहले 5%, 12%, 18% और 28% चार स्लैब थे। लेकिन अब 12% और 28% पूरी तरह खत्म कर दिए गए हैं। केवल 5% और 18% की दरें लागू होंगी। इसका मतलब है कि कई रोजमर्रा की जरूरी चीजें सस्ती हो जाएंगी और लोगों की जेब में बचत होगी। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।
खाने-पीने की जरूरी चीजों पर 0% जीएसटी
सरकार ने साफ कहा है कि आम आदमी का बोझ हल्का करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसी वजह से छेना, पनीर, UHT दूध, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, रोटी, पराठा जैसी चीजों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। पहले इन पर 5% जीएसटी देना पड़ता था। अब परिवार बिना अतिरिक्त बोझ के इन्हें खरीद पाएंगे।
बच्चों की पढ़ाई भी हुई आसान
अब कॉपियां, ग्राफ बुक, लैब नोटबुक, अनकोटेड पेपर और रबर जैसी चीजों पर भी जीएसटी शून्य कर दिया गया है। यानी स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावकों के लिए यह बड़ा तोहफा है। जहां पहले हर महीने स्टेशनरी खरीदते समय थोड़ी अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ती थी, वहीं अब यह चिंता खत्म हो जाएगी।
जीवनरक्षक दवाएं हुई टैक्स फ्री
स्वास्थ्य सेवाओं में यह बदलाव सबसे बड़ी राहत माना जा रहा है। कैंसर और दुर्लभ बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं जैसे Agalsidase Beta, Imiglucerase, Daratumumab, Atezolizumab, Teclistamab, Risdiplam समेत कई महंगी दवाओं पर पहले 12% टैक्स लगता था। अब इन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसका असर सीधे उन मरीजों पर पड़ेगा जो पहले महंगे इलाज के कारण परेशान रहते थे।
दिवाली से पहले मिली राहत
देश में लंबे समय से यह मांग हो रही थी कि रोजमर्रा की जरूरी चीजों और महंगी दवाओं पर टैक्स कम किया जाए। आखिरकार अब यह फैसला हो गया है। इसे दिवाली गिफ्ट कहा जा रहा है क्योंकि 22 सितंबर से बदलाव लागू होंगे और त्योहारों पर खरीदारी करने वालों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।