शिक्षा क्षेत्र में में हुआ बड़ा बदलाव अगर आप शिक्षक बनने का सोच रहे हैं तो आज की यह पोस्ट आपके लिए ही है। इन बदलावों का सीधा असर बीएड और डीएलएड कोर्स करने वाले छात्रों पर पड़ने वाला है। छात्र एक बेहतर शिक्षक बन सकें यह इस नियम का उद्देश्य है। अब कोई भी छात्र बीएड और डीएलएड जैसे प्रशिक्षण कोर्स एक साथ नहीं कर पाएंगे। इन बदलावों के बारे में हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देने वाले है। अगर आप इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी यह पोस्ट अंत तक जरूर पढ़िए।
एक साथ बीएड और डीएलएड करने पर लगाई रोक
शिक्षा मंत्रालय और NCTE ने यह निर्णय लिया है की अब छात्र एक समय पर सिर्फ एक ही शिक्षक प्रशिक्षण का कोर्स कर सकते हैं। इससे पहले बहुत छात्र बीएड और डीएलएड दोनों कोर्स एक साथ करते थे। इस वजह से उनकी पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पाती थी। इस वजह से छात्र अच्छे शिक्षक बन सकें और एक ही कोर्स पर ध्यान केंद्रित कर सके इस वजह से यह नियम लाया गया है इस बदलाव से शिक्षक बनने की प्रक्रिया सरल होगी। अब छात्र कोर्स की पढ़ाई अच्छे से और बारीकी से कर सकेंगे। इस निर्णय से शिक्षकों की गुणवत्ता अच्छी होगी।
अब इंटर्नशिप होगी अनिवार्य
नए नियमों के अनुसार, बीएड और डीएलएड दोनों कोर्स में अब कम से कम 6 महिने की इंटर्नशिप अनिवार्य होगी। मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्थान से छात्रों को सीधा अनुभव मिलेगा। इस वजह से वह अच्छे से छात्रों को सीखना सीख जाएंगे और चुनौतियों को भी आपको पता लगेगा। पहले छात्र सिर्फ किताबी पढ़ाई करते थे लेकिन अब छात्रों को प्रॅक्टिकल ज्ञान भी मिलेगा।
मान्यता प्राप्त संस्थानों से होगी डिग्री मान्य
जिन संस्थानों को परिषद की आधिकारिक मान्यता मिली है सिर्फ उन्हीं संस्थानों की डिग्री मान्य होगी। जिन संस्थानों के पास मान्यता नहीं है उनकी डिग्री अब मान्य नहीं होगी। शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो यह इस नियम का उद्देश्य है। इस वजह से अब किसी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले उसकी मान्यता जांचनी होगी।