त्योहारों का मौसम आते ही घर-घर में सोने-चांदी की खरीदारी की बातें शुरू हो जाती हैं। हर कोई चाहता है कि शुभ समय पर सोना या चांदी जरूर घर में आए। लेकिन इस बार नवरात्रि के पहले ही दिन दामों ने ऐसा छलांग लगाई कि आम खरीदार के चेहरे पर मुस्कान की जगह चिंता की लकीरें खिंच गईं। खासकर वे लोग जो लंबे समय से इंतजार कर रहे थे कि रेट थोड़ा नीचे आएगा, उन्हें अब और जेब ढीली करनी पड़ेगी।
सोने की कीमत बनी सातवें आसमान पर
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोमवार को सोने का भाव अचानक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। गोल्ड रेट 1400 रुपये यानी लगभग 1.27% बढ़कर 1,11,247 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। यह दाम पिछले शुक्रवार को 1,09,847 रुपये प्रति 10 ग्राम था। यानी महज दो दिन में ही सोना इतना महंगा हो गया कि बाजार में चर्चा का माहौल बन गया।
चांदी ने भी नहीं छोड़ी कोई कसर
सिर्फ सोना ही नहीं बल्कि चांदी भी निवेशकों की जेब पर भारी पड़ रही है। MCX पर सिल्वर का भाव 2827 रुपये यानी 2.17% बढ़कर 1,32,665 रुपये प्रति किलो पहुंच गया। शुक्रवार को यह 1,29,838 रुपये प्रति किलो था। त्योहार की शुरुआत पर ऐसे दाम देखकर खरीदार दोबारा सोचने को मजबूर हो रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उछाल
सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया भर के बाजारों में सोना और चांदी दोनों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती और आगे और राहत देने के संकेत से गोल्ड चमक उठा। स्पॉट गोल्ड 0.7% बढ़कर 3709.29 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा जबकि इंट्राडे में यह 3711.55 डॉलर तक गया। वहीं दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर 1% बढ़कर 3743.40 डॉलर प्रति औंस हो गया। सिल्वर का स्पॉट प्राइस भी 1.3% चढ़कर 43.64 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा, जो 14 साल का हाई है।
निवेशकों की डिमांड से बढ़े दाम
बाजार में अनिश्चितता होने पर हमेशा सुरक्षित निवेश की तलाश बढ़ जाती है। सोना और चांदी लंबे समय से निवेशकों का सबसे भरोसेमंद विकल्प रहे हैं। इस बार भी यही हुआ। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट और अमेरिकी H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी से बने तनाव ने निवेशकों को गोल्ड और सिल्वर की ओर खींचा। नतीजा यह हुआ कि त्योहार की शुरुआत पर दाम और ऊपर चढ़ गए।
खरीदारों के लिए क्या करें का सवाल
जो लोग नवरात्रि पर गहने या चांदी के सिक्के खरीदने का सोच रहे थे, वे अब कंफ्यूज हैं। कई लोगों का मानना है कि थोड़े समय बाद दाम फिर से नीचे आ सकते हैं। वहीं कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय हालात को देखते हुए निकट भविष्य में कीमतें स्थिर होने की उम्मीद कम है। ऐसे में खरीदारों के लिए यह फैसला करना आसान नहीं कि अभी खरीदें या इंतजार करें।