देश में राशन योजना करोड़ों गरीब और जरूरतमंद परिवारों की जिंदगी का सहारा है। हर महीने लोग अपने घर का चूल्हा इसी सरकारी योजना से मिलने वाले अनाज से जलाते हैं। लेकिन अब सरकार ने इस व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव किया है। ई-केवाईसी नहीं कराने वाले परिवारों का राशन रोक दिया गया है। यह कदम पारदर्शिता लाने और फर्जी कार्डों को खत्म करने के लिए उठाया गया है।
क्यों जरूरी है राशन कार्ड की ई-केवाईसी
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कई परिवारों के राशन कार्ड पर मृत व्यक्तियों या दोहरी प्रविष्टियों के नाम शामिल थे। (ऐसे लोग भी सालों से सरकारी अनाज ले रहे थे, जिन्हें असल में इसका अधिकार नहीं था)। ई-केवाईसी से केवल सही और वास्तविक लाभार्थियों को ही फायदा मिलेगा। यही कारण है कि सरकार ने इस प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है।
छह महीनों से चल रहा अभियान
पिछले छह महीनों से लगातार जागरूकता अभियान चलाया गया। गांव और शहर दोनों जगहों पर बैठकों का आयोजन हुआ। राशन डीलरों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की। लेकिन फिर भी 2.38 लाख कार्डधारक परिवार ई-केवाईसी नहीं करा पाए। नतीजा यह हुआ कि उनका राशन अब बंद कर दिया गया है।
वर्तमान व्यवस्था की स्थिति
जिले की वितरण प्रणाली 820 उचित दर की दुकानों से संचालित हो रही है। यहां करीब 4.71 लाख परिवार पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 14.62 लाख सदस्यों ने अपनी ई-केवाईसी पूरी कर ली है। लेकिन शेष 2.38 लाख सदस्य अभी भी प्रक्रिया से बाहर हैं। प्रशासन ने आदेश दिया है कि इन्हें तुरंत मुख्य सूची से हटा दिया जाए।
पारदर्शिता और सख्ती
अधिकारियों का कहना है कि कई बार नोटिस भेजे गए और तारीख बढ़ाई गई। इसके बावजूद लोग लापरवाह बने रहे। अब 25 सितंबर को अंतिम मौका दिया गया है। इस तारीख तक ई-केवाईसी पूरी नहीं करने वालों का नाम स्थायी रूप से राशन सूची से हटा दिया जाएगा। यह कदम गरीबों के हक को सुरक्षित रखने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है।
सितंबर से लागू नई व्यवस्था
सितंबर की शुरुआत से ही बिना ई-केवाईसी वाले कार्डधारकों को मुख्य सूची से बाहर कर दिया गया है। जब तक वे सत्यापन पूरा नहीं करेंगे, तब तक उन्हें राशन नहीं मिलेगा। राशन डीलरों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रभावित परिवारों से सीधे संपर्क करें और उन्हें प्रक्रिया पूरी कराने में मदद करें।